Testimonial

हीरा

हीरा

बालिकाओं के सशक्ती करण के लिये वर्ष 2016-17 में प्रदेश के सभी जनपदों में मीनामंच की सक्रिय बालिका को पावर एंजिल के रुप में चयनित कर जनपद स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। पावर एंजिलसे यह अपेक्षा है कि वह अपनें विद्यालय व आस-पास बालिकाओं के साथ हो रहे भेद भाव व उत्पीड़न के विरुद्धआवाज उठाये। यह केस स्टडी पूर्व माध्यमिक विद्यालय जावविकास खंडछाता जनपद मथुरा की कक्षा 8 की छात्रा हीरा की है जिसने अपनें गांव में हो रहे बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठायी और चाइल्डलाइन के सहयोग से विवाह रोकनें में सफल रही.

हीरा पूर्व माध्यमिक विद्यालय जावविकास खंडछाता जनपद मथुरा की कक्षा 8 की छात्रा है।मीना मंच में सक्रिय होने के कारण हीरा का चयन पावर एंजिल के रुप मे किया गया।हीरा को 2 दिवसीय पावर एंजिल की कार्यशाला में दिनांक 28-29 दिसम्बर 2016 को जनपद मथुरा में प्रतिभाग करनें का अवसर मिला।प्रशिक्षण के दौरान हीरा को बालिकाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी के साथ ही समाज में बालिकाओं के साथ होरहे लिंगभेद बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।साथ ही आवश्यकता पड़नें पर हेल्पलाइन नंबर से किस प्रकार सहायता ली जा सकती है इस बारे में पता चला। हीरा इस जानकारी को पाकर बहुत उत्साहित थी और जल्दी से अपनें विद्यालय में जाकर इन बातों को सभी बालिकाओं को बताना चाहती थी।उसे उम्मीद नहीं थी कि बहुत जल्दी ही उसे अपनी जानकारी का प्रयोग करना पडे़गा।हीरा अपनें विद्यालय में मीनामंच की बैठक में बालिकाओं को बाल विवाह से होनें वाले नुकसान के बारे में बता ही रही थी कि तभी उसे जानकारी मिली कि उसके कक्षा की एक बालिका रविता(बदला हुआ नाम) का विवाह आगामी 19 फरवरी 2017 को होना तय हो गया है। जनपद मथुरा में एक ही मंडप में कई बहनों के विवाह एक साथ करनें की परंपरा है। इसी परंपरा के अंतर्गत रविता का विवाह अपनी बड़ी बहन के विवाह के समय उसी मंडप में होना तय हुआ था। हीरा ने रविता को समझाया कि बाल विवाह से नुकसान होता हैऔर यह कानूनन जुर्म है । रविता मान गयी और उसने अपनें माता पिता को समझाने की कोशिश की परंतु उसके माता पिता ने उसे गरीबी का हवाला देते हुये विवाह के लिये पुनः राजी कर लिया। यह बात हीरा को पता चली तो उसनें तुरंत चाइल्डहेल्पलाइन 1098 पर फोनकरदिया। फलस्वरुप चाइल्ड हेल्पलाइन आगरा से एक टीम सत्यापन के लिये पंहुच गयी और सूचना सही होने की स्थिति में रविता के माता पिता से संपर्क कर विवाह रोकने के लिये बात की। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने दिनांक 19 फरवरी 2017 तक लगातार निगरानी की और प्रधान व बालिका के माता पिता से लिखित रुप से संकल्प करवाया कि वह रविता का विवाह बालिग होने से पहले नहीं करेगे।