Testimonial

आरती गौतम

आरती गौतम

आरती गौतम का जन्म जनपद बाराबंकी के रामनगर विकास खंड के तिलवारीगांव के बडे़ गरीब परिवार में हुआ। इनके पिता मजदूरी कर घर का पालन पोषण करते है। एक तो गरीबी ऊपर से लड़की , आरती को विद्यालय जाना नसीब नही हुआ।

आरती जब अपनें गांव की अन्य लड़कियों को स्कूल जाते देखती तो उसकी आंखों में आंसू आ जाते। वह घर के काम मे मां का हाथ बंटाती और सोचती कि उसे अपनी मां की तरह ही जीवन काटना है। उसे यह नहीं पता था कि उसके अंधकारमय जीवन में उजाला भरनें के लिये कोई अवसर दस्तक देने वाला है। वर्ष 2008 में आरती ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय राम नगर में प्रवेष लिया। यह उसके जीवन का एक सुनहरा अवसर था ।

चूंकि आरती कभी भी विद्यालय नही गयी थी इस लिये उसे शुरुआत से सीखना था। जीवन के संघर्षो व हालातों ने उसे कम उम्र में ही यह सिखा दिया था कि सिर्फ षिक्षा के दम पर ही वह अपनें हालात बदल सकती है। उसनें कड़ी मेहनत से पढ़ना लिखना सीखा। साथ ही सक्रिय होकर मीना मंच की गतिविधियों में प्रतिभाग करती रही जिसने उसमें आत्मविष्वास और प्रेरणा भरा। आरती बहुत खुष थी परंतु यह खुषी बहुत लम्बे समय तक उसके भाग्य में नही थी। आरती को एक और झटका लगा जब समय नें फिर उसे वापस उसी हालात में लाकर खड़ाकर दिया जहां से वह निकली थी ।वर्ष 2011 में वह कक्षा 8 पासकर अपनें घर पहुंची तो आगे की पढ़ायी के लिये फिर सवाल खड़े हो गये। लेकिन आरती तीन सालों में आरती अब बदल चुकी थी……..अब उसके साथ सपने थे…….मजबूत इरादे थे.. और सलाह देने व मदद करनें के लिये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की दी दी थीं………….।

इन्ही हौसलों ने आज आरती को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचा या जो उस के लिये सपनें जैसा था। वर्तमान में आरती क्रिष्चियन हाॅस्पिटल, छतरपुर, मध्य प्रदेष से नर्सिंग का द्वितीय वर्ष पूरा कर चुकी है। वह नर्स बन कर अपनें गांव व समाज की सेवा करना चाहती है। साथ ही अपनें माता पिता के सपनों को भी साकार करना चाहती है।