अमित कुमार
उक्त बालक अमित कुमार 11 वर्श की उम्र में प्रा0वि0 हरिपुर में कक्षा-5 का छात्र है। इस बालक के पिता का नाम-रामकिषोर सिंह (40 वर्श), माता का नाम-श्रीमती सुनीतादेवी (38 वर्श) जो कि साक्षर हैं। इनके परिवार को लगातार परामर्ष देेते हुए षिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न की गयी जिससे उनमें बच्चे के प्रतिं विषेश उत्साह व लगा व विकसित किया गया है।
इनके घर पर कोई भी भाई-बहिन दिव्यांग नहीं है। अमित के हाथ-पैर जन्मजात ही पूर्ण रूप से विकसित नहीं थे, जिसकी वजह से दैनिक क्रियाओ को पूर्ण करने के लिए पारिवारिक सदस्यों की मदद की आवष्यकता पडती थी। विद्यालय आने-जाने में भी सहयोग की आवष्यकता पडती थी। षिक्षा विभाग के द्वारा एलिम्को के सहयोग से बच्चे को ह्नीलचेयर उपलब्ध कराई गई, जिसके माध्यम से अब बच्चे को गोद में लेकर विद्यालय नहीं आना पडता है। परिवार का कोई भी सदस्य ह्नीलचेयर में ंबिठाकर विद्यालय में छोड जाता है एवं विद्यालय उपरांत घर ले आता है। इस तरह से उस बच्चे के आवागमन को आसान बनाया जा चुका है।
घर में कोई भी मेट्रिक पास न होत हुए भी प्रा0वि0 हरिपुर के प्रधानाध्यापक श्री सुनील कुमार यादव जी व ईटीनरेन्ट टीचर श्री नरेन्द्र कुमार द्वारा परिवारजनो को निरन्तर परामर्ष दिया जाता रहा इस वजह से बच्चे की विद्यालय मे उपस्थिति पर्याप्त रूप से प्राप्त होने लगी ।
प्रधानाध्यापक श्री सुनील कुमार यादव जी की जागरूकता एवं व्यक्तिगत रूचि के साथ विषेष षिक्षक की सहायता लेते हुए एक दिव्यांग बच्चे में आत्मविष्वास के साथ अतिकुषलता उत्पन्न कर दी गयी है। जिसके कारण आज वह हाथ की कलाई न होने पर लिखने-पढ़ने एवं अत्यन्त सुन्दर ड्राइंग बनाने की कुषलता को मुह के द्वारा सीख चुका है। आज वह मुह में पेन्सिल/पेन/ब्रष को दबाकर आसानी से लेखन/पेंटिन्ग कार्य कर लेता है। तथा यह प्रतिभा उसने 11 वर्ष की उम्र में हमारे परिशदीय विद्यालय में अध्ययनरत रहते हुए ग्रहण की है।
इस लिये कहा जाता है कि विकलांगता प्रगति में बाधक नहीं होती है बस हमें ऐसे दिव्यांग बच्चों की क्षमता को पहचान कर उन्हें अवसर प्रदान करने कंे साथ सहयोग की आवष्यकता है।